क्षणभंगुर जीवन की कलिका कल प्रातः को जाने खिली ना खिली मलयाचल की सुख सुमीर सुगंध चली ना चली कलि कुठार लिए फिरता तन नम्र है चोट झिली ना झिली भज ले हरी नाम अरी रसना फिर अंत समय पर हिली ना हिली #reallifequotes #quotefortheday #lifequotes #dailyquotes